लाॅयन न्यूज, बीकानेर। कोरोना के साथ जीते हुए हमें एक साल से ऊपर हो गया है। इस पूरे काल में तमाम तरह की दुश्वारियों के बावजूद हमने हार नहीं मानी। ‘लॉयन एक्सप्रेस’ लाया है कुछ ऐसी ही विजय गाथाएं। ऐसे लोगों की कहानी जो कोरोना से हार नहीं मानी, जीतकर ही माने। ऐसी ही एक कहानी है बीमा एवं हैल्थ इंश्योरेंस एडवाइजर गोविंद रामावत की। जो कोविड पाॅजिटिव हुये तो उनकी बेटी बीएससी नर्सिंग की छात्रा भी है, पीपीई किट पहनकर पूरी हिम्मत से पिता के साथ खड़ी रही। पूरे परहेज और बेहतर इलाज से गोंविद जी आज पूरी तरह स्वस्थ हैं। आईये जानते हैं उनकी कहानी उन्हीं से:

तीन चार रोज से जुकाम और गले में खराश के चलते थोड़ा संशय होने पर मैंने आरटीपीसीआर टेस्ट करवाया। हालांकि वो नेगेटिव आया लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। गले में खराश, बार-बार गला सूखने और एक तेज चुभन सी महसूस होने पर 22 अक्टूबर 2020 एचआरसीटी टेस्ट करवाया गया जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई। टेस्ट में पाॅजिटिव आने के बाद उस समय की व्यवस्था के अनुसार मुझे कोविड सेंटर के सुपर स्पेशियलिटी वार्ड में भर्ती किया है। सच कहूं तो कुछ समय के लिए डर तो जरूर लगा लेकिन उस वक्त वहां पूरे एहतियात के साथ पीपीई किट पहन कर मौजूद बिटिया सोनाली रामावत जो कि खुद भी बीएससी नर्सिंग की छात्रा है ने संभाल लिया। मैंने भी डाॅक्टर संजय कोचर जो की मेरे स्वास्थ्य में होने वाले हर उतार-चढ़ाव का बहुत बारिकी से ध्यान रखे हुए थे की हर सलाह मानी, दवाई और आहार का भी विशेष ध्यान रखा। धीरे-धीरे खुद को संयत किया और तनाव से मुक्ति पाई। ये बहुत जरूरी भी था। 6 दिन वहां रहने के बाद मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मुझे वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया।
घर आने के बाद भी बहुत दिनों तक कमजोरी और सांस फूलने जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके लिए भी मेरी पत्नी अनिता रामावत और बेटी सोनाली रामावत तैयार थीं। डाॅक्टर की सलाह से उन्होंने मेरे लिए एक पूरा डाईट चार्ट तैयार कर लिया जो शायद आपमें से भी किसी एक काम आ पाये इसलिए यहा साझा कर रहा हूं। सुबह उठने के साथ ही नारियल पानी। उसके आधे घण्टे के बाद चाय बिस्किट। फिर एक घण्टे बाद एक सेेव। कुछ देर बाद एक गिलास दूध के साथ 5 बादाम, 2 अंजीर, 4 अखरोट (सभी रात को भिगोये हुए)। दोपहर के भोजन में प्रोटीनयुक्त दालें, पनीर, सलाद व विशेषतः बेजड़ की रोटी। फिर शाम के समय गुनेगुने पानी में निंबू। चाय के साथ काले चने। रात के खाने से पहले मिक्स वेज या टोमाटो सूप और रात के समय एक गिलास दूध।

इसी बीच मेरे मित्र और लाॅयन एक्सप्रेस के संपाद हरीश बी. शर्मा, ओ.पी. गहलोत, श्यामसुंदर रामावत ने भी इस मुश्किल घड़ी में पल-पल मुझे सकारात्मक बनाये रखा। इन सबके साथ-साथ परिवार के साथ बातचीत, कुछ देर किताबें पढ़ना, संगीत और टीवी देखने में खुद को व्यस्त रखकर भी मैंने अपनी सकारात्मक ऊर्जा को बचाये और बनाये रखा। जो कि इस समय जरूरी भी था। अगर आप प्रसन्न हैं तो आपका इम्युनिटी लेवल स्वतः ही ऊपर उठ जाता है।

मेरा लाॅयन एक्सप्रेस के तमाम पाठकों से आग्रह है कि कोरोना गाईडलाईन की पूरी पालना करें। सजग रहें, स्वस्थ रहें।

  • जैसा बीमा एवं हैल्थ इंश्योरेंस एडवाइजर गोविंद रामावत ने लॉयन एक्सप्रेस के चीफ रिपोर्टर आशीष पुरोहित (9829334393) को बताया