नागौर।  मिठाई व्यापारियों द्वारा अनाधिकृतरूप से नागौर लाया जा रहा मावा एक ओर जहां वाणिज्य कर विभाग को राजस्व की हानि पहुंचा रहा है, वहीं इस मावे से बनने वाली मिठाइयां लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रही हैं। इसके बावजूद वाणिज्य कर विभाग एवं खाद्य सुरक्षा विभाग वार-त्योहार ही कार्रवाई करते हैं।

टारगेट पूरा करने के लिए करते हैं कार्रवाई

निजी बसों के माध्यम से बीकानेर से आ रहा मावा नागौर शहर के मानासर चौराहे पर खुलेआम टेम्पो में भरकर व्यापारियों की दुकानों तक पहुंचाया जाता है। खुद विभागीय अधिकारी यह स्वीकार करते हैं कि बीकानेर से आने वाला मावा बिना बिल आता है।  इसके बावजूद अधिकारी कार्रवाई करने से कतराते हैं। अधिकारियों को जब टारगेट पूरे करने होते हैं तो वे कार्रवाई करने पहुंच जाते हैं, अन्यथा सालभर कोई नजर भी नहीं डालते।

तो क्या बीकानेर में मावे की खान है!

बीकानेर से रोजाना अवैध रूप से बड़ी मात्रा में मावा नागौर लाया जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि बीकानेर से इतनी अधिक मात्रा में मावा नागौर आने की क्या वजह है, जबकि नागौर जिला भी कृषि प्रधान है, जहां पशुपालन बड़े स्तर पर किया जाता है। प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि बीकानेर में मावे का बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाता है, जिसमें क्वालिटी को महत्व न देकर क्वांटिटी को महत्व दिया जाता है। यही कारण है कि नागौर के व्यापारियों को बीकानेर से सस्ता मावा मिल जाता है, जिससे वे नागौर में मिठाइयां  तैयार कर बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

शातिर हो गए व्यापारी

वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों की मानें तो अवैध रूप से मावा या अन्य सामग्री मंगाने वाले व्यापारी काफी शातिर हो गए हैं। दरअसल, ये लोग जिस व्यक्ति या फर्म से माल मंगवाते हैं, उससे कम्प्यूटराइज्ड बिल लेकर आते हैं। यदि वाणिज्य कर विभाग ने बिल देखकर मार्क कर दिया तो वे उसे रिकॉर्ड में दर्शा देते हैं, अन्यथा उस बिल को फाडक़र रिकॉर्ड से ही हटा देते हैं, जिसके कारण उन्हें टेक्स नहीं चुकाना पड़ता है।

समय-समय पर करते हैं कार्रवाई

 हां, यह सही है कि बीकानेर से बड़ी मात्रा में मावा नागौर लाया जा रहा है। हम समय-समय पर इसके सैम्पल लेकर जांच करवाते हैं। अब तक दो बार सैम्पल लिए गए और दोनों ही बार सब स्टैण्डर्ड के पाए गए, जिस पर न्यायालय ने शहर के सभी बड़े मावा व्यापारियों पर २०-२० हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जल्द ही दुबारा सैम्पल लिए जाएंगे।

– अनिल शर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, चिकित्सा विभाग, नागौर

कार्रवाई करेंगे

 बीकानेर से बड़ी मात्रा में बिना बिल का मावा व रसगुल्ले  आ रहे हैं। हमने दो-तीन बार कार्रवाई कर बिना बिल के मावे को जब्त भी किया है। कुछ परेशानियां हैं, जिनके चलते कार्रवाई रेगुलर नहीं हो पा रही है। फिर भी समय-समय पर चेकिंग करते हैं। इस बार विभागीय अधिकारियों को लक्ष्य दिए गए हैं, ताकि कार्रवाई में तेजी लाई जा सके।

– महेश बाबू, सहायक आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग, नागौर