भरतपुर में तीन साल पहले लगी तीसरी आंख हुई बंद
भरतपुर.। शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगभग तीन साल पहले लगाए गए सीसीटीवी कैमरे धूल फांक रहे हैं। प्रशासन द्वारा इस तीसरी आंख पर नजर नहीं रखने के कारण शहर में यातायात एवं आजमन की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलू नजरअंदाज हो रहे हैं।तत्कालीन जिला कलक्टर नीरज के पवन की पहल पर शहर के प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इनका कंट्रोल रूम जिला कलक्ट्रेट में बनाया गया था। उनके कार्यकाल में इसका व्यापक उपयोग हुआ।शहर की यातायात व्यवस्था, प्रमुख चौराहों पर फुटपाथों पर अतिक्रमण आदि पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाती थी। इसका फायदा यह भी हुआ कि लोगों के मन में यह बात घर कर गई कि वे हमेशा कैमरे की निगरानी में हैं जिसके चलते सड़क पर अतिक्रमण की उनकी हिम्मत नहीं होती थी। नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दस्ते में भी इस बात का भय था कि यदि कहीं सड़क पर ढकेल अथवा अन्य ढेले वालों ने अतिक्रमण किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।यही वजह रही कि जब तक सीसीटीवी कैमरे चालू रहे, शहर में यातायात व्यवस्था भी सुचारू रही। अपराधियों में भी इस बात का भय था कि वारदात करने के बाद वे कैमरे की नजर में आ सकते हैं, लेकिन इस व्यवस्था को आगे नहीं चलाने के कारण इस नवाचार ने शुरू होने के कुछ समय बाद ही दम तोड़ दिया।
पुलिस को भी होते सहायक
सूत्रों के अनुसार जिला प्रशासन की ओर से बिजलीघर चौराहा, कुम्हेर गेट चौराहा, लक्ष्मण मंदिर पर चार-चार सीसीटीवी कैमरों का सैट लगवाए गए थे। ये कैमरे अपराध नियंत्रण के लिए भी काम आ सकते थे, क्योंकि शहर में वारदात करक भागने वाले अपराधी इसकी जद में आते, लेकिन इनकी सार-संभाल नहीं होने के कारणवर्तमान में यह बंद पड़े हैं। कुम्हेर गेट चौराहे पर लगाए गए कैमरों की वायर को तो एक ट्रक चालक ने ही तोड़ दिया। शेष स्थानों पर लगे कैमरे धूल फांक रहे हैं।र निगम के लिए काफी उपयोगी हो सकते हैं। जिला प्रशासन से इन्हें फिर से शुरू कराने के लिए आग्रह किया जाएगा।