नई दिल्ली।  पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के लिए एमएस धोनी की जगह विराट कोहली को कप्तान बनाए जाने की वकालत कर नई बहस छेड़ दी है।

एक तरफ जहां कई दिग्गज विराट कोहली के समर्थन में खड़े है तो पूर्व क्रिकेटर अभी उन्हें जिम्मेदारी नहीं सौंपे जाने की बात कर रहे हैं। लेकिन यदि विराट कोहली को कप्तानी सौंपी जाती है तो क्या वो एमएस धोनी और सौरव गांगुली की तरह टीम इंडिया को सफलता दिला पाएंगे?

वैसे देखा जाए तो भारतीय कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में लोहा मनवाया है। कई मौके ऐसे भी आए हैं जब तनावपूर्ण मुकाबले में धोनी ने आत्मविश्वास नहीं खोया और टीम को जीत दिलाई।

टेस्ट से संन्यास ले चुके कप्तान धोनी का अंदाज पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली से बहुत अलग रहा है।

एमएस धोनी जहां दबाव में बिखरते नहीं, वहीं सचिन तेंदुलकर पर कप्तानी का बोझ हावी हो जाता था। इसकी वजह से सचिन तेंदुलकर अपना नैसर्गिक प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। जहां तक सौरव गांगुली की बात है तो वो विपक्षी टीम पर हमला करने से नहीं चूकते थे यानि जैसे को तैसा की तर्ज पर जबाव देने में विश्वास करते थे।

क्रिकेट पंडित तो धोनी की सफलता के लिए सौरव गांगुली को श्रेय देने से नहीं चूकते हैं। अधिकांश क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि सौरव गांगुली ने जो टीम बनाई उसी ने धोनी के नेतृत्व को स्टारडम दिया।

दूसरी पहलुओं से देखा जाए तो जहां सचिन तेंदुलकर की तरह विराट कोहली में रन बनाने की क्षमता है तो सौरव गांगुली की तरह मैदान पर आक्रामकता दिखती है।

टेस्ट मैच के दौरान उनकी ओर से शानदार कप्तानी इसका उदाहरण है। टेस्ट मैचों में विराट कोहली के नेतृत्व क्षमता को कई दिग्गज क्रिकेटर्स ने जमकर सराहा है और उनमें सौरव गांगुली का अक्श देखा है।

आईपीएल-9 के मैचों में अब तक के मुकाबलों की बात करें तो विराट कोहली के नेतृत्व में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर शीर्ष टीमों में जगह नहीं सका है लेकिन कप्तानी और अपनी बैटिंग से उन्होंने सभी को प्रभावित जरूर किया है।

देखा जाए तो विराट कोहली में बैंटिंग में सचिन और कप्तानी में सौरव गांगुली जैसी आक्रामकता दिखती है