‘सरकार’ के आ सकते हैं बुरे दिन, जीते अर्जुन


नहीं रहे भाजपा को बीकानेर में पहचान दिलाने वाले
देश में नई सरकार बनने का मार्ग-प्रशस्त हो गया है। हालांकि, इस नयेपन में नया क्या होगा, यह जानने के लिए कुछ दिन लगेंगे। राजस्थान से हैट्रिक का सपना टूटने के बाद भजनलाल सरकार के बुरे दिन आने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि इस सरकार से कुछ भी नहीं संभल रहा है। हालांकि, सरकार गर्मी से राहत देने के मामले में पूरी तरह से फिसड्डी साबित हुई है। बिजली की कटौती बदस्तूर जारी है। पानी मिल नहीं रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बदहाल है। बिजली की अघोषित कटौतियों का आलम यह है कि दिन में तीन-तीन बार लाइटें जा रही है। नेता प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिकारियों के एसी में रहने पर आपत्ति जता रहे हैं। इस बीच पूर्व काबीना मंत्री डॉ. बीडी कल्ला बीकानेर आए तो उन्होंने भी शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत के साथ कलेक्टर मिलकर बिजली कटौती पर आपत्ति जताई। अगले दिन नगर विधायक जेठानंद व्यास ने भी बिजली कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक कर ली, लेकिन भला हो नौतपा में आई आंधी-बारिश का। तापमान गिरा, लेकिन मौसमी बीमारियों से राहत नहीं है। लू के मरीज बढ़ रहे हैं। मौतें हो रही हैं और पीबीएम अस्पताल में अव्यवस्थाओं का यह आलम है कि पंखे भी ढंग से नहीं चल रहे हैं। दानदाता कूलर दे रहे हैं, लेकिन यह सब नाकाफी है।
इस बीच प्रभारी सचिव नवीन जैन भी बीकानेर आए और अधिकारियों को लताड़ पिलाई, लेकिन अधिकारियों पर क्या असर होना है। बीकानेर लू के थपेड़ों को सहते हुए इन खबरों से खुश हो रहा है कि देश में मानसून ने प्रवेश कर लिया है। बीकानेर के सीएमएचओ का चार्ज लेकर डॉ. राजेश गुप्ता दौरे कर रहे हैं। जहां जा रहे हैं, अव्यवस्थाएं मिल रही हैं। इस बीच पीबीएम अस्पताल तक भी गलत किडनी निकाले जाने वाले प्रकरण की आंच आ गई है। हुआ यह कि झुंझूनू की महिला ईदबानों जयपुर के एसएमएस से इस भरोसे पीबीएम आ गई कि यहां उसे अच्छा इलाज मिलेगा, यहां उसे छुट्टी दे दी गई। इसके बाद सरकार हरकत में आई। डॉक्टर्स को नोटिस मिले, लेकिन ईदबानों को राहत नहीं मिली। इस बीच मेडिकल की पढ़ाई कर रही एक छात्रा श्रुति के साथ बड़ी साइबर जालसाजी हुई है।
महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध के मामलों को लेकर इस कॉलम में बराबर लिखा जा रहा है, इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल ने भी माना कि बीकानेर रेंज में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ा है। मुख्यमंत्री के मानने का अर्थ होता है, अब त्वरित एक्शन होगा। इस बीच क्रिकेट सट्टा करते 12 लोगों को पकड़ा गया। चेन-स्नेचिंग की वारदातें भी सामने आई है। हालांकि आरोपियां को पकड़ा गया है। एक आरोपी के रूप में बीछवाल थाने के कांस्टेबल का नाम सामने आया है। संतोष राणा नाम के इस कांस्टेबल सहित पांच लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप है। गोल्ड लोन दिलाने के नाम पर ठगी हुई। आरोप है कि कांस्टेबल फाइनेंस का काम भी करता था।
विधानसभा चुनाव से पहले जहां बीकानेर में रामभद्राचार्य के आने की धूम रही तो चुनावों के बाद बीकानेर में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के आने से धर्मप्रेमी लोगों में उत्साह है। 12 जून को बीकानेर आएंगे। तीन दिन के उनके प्रवास के लिए समिति बनाई गई है। लोकसभा चुनाव के परिणाम भी आ चुके हैं। अर्जुनराम मेघवाल ने गोविंदराम मेघवाल पर भी जीत दर्ज कर दी है। यह उनकी लगातार चौथी जीत है। चूरू से कांग्रेस के राहुल कस्वां बाड़मेर से कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल, श्रीगंगानगर से कांग्रेस के कुलदीप इन्दौरा और नागौर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल जीते हैं। केंद्र में एनडीए की सरकार बनती दीख रही है। यह वही भाजपा है, जिसकी पहली मीटिंग जब बीकानेर के आचार्य चौक में हुई थी तो तीस लोग भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे। मीटिंग करके बाहर निकले लोगों पर कटाक्ष हुए थे कि ये लोग क्या पार्टी बनाएंगे, लेकिन इस बैठक को आहूत करने वाले एडवोकेट ओम आचार्य की संकल्प निष्ठा थी कि आखिरकार न सिर्फ बीकानेर में भाजपा ने पैठ जमाई बल्कि जीत पर जीत दर्ज की। यह दीगर है कि ओम आचार्य को विधानसभा या लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली, लेकिन बीकानेर में भाजपा की पहचान बनाने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। समसामयिक विषयों और गतिविधियों पर नजर रखने वाले ओम आचार्य जिन अखबारों को नियमित रूप से पढ़ते थे, उनमें से एक साप्ताहिक ‘विनायकÓ भी था। उनसे अस्पताल में हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने इस कॉलम का भी जिक्र किया तो संपादक दीपचन्द सांखला की अन्वेषण-दृष्टि की भी सराहना की। सच है, ऐसे अध्ययनशील-मननशील नेता आज कहां रहे हैं। बहुत बार कहा-सुना गया शेर ही यहां प्रासंगिक है, क्योंकि उनके जैसा दीदावर होना भी मुश्किल है।
हजारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा