एथलीट ने eBay पर बेचा कंधे का 9 इंच हिस्सा, ओलिंपिक कमेटी से हक की लड़ाई



वॉशिंगटन। अमेरिका के एक ओलिंपियन निक साइमंड्स अपने शरीर के कुछ हिस्सों को एडवरटाइज के लिए बेच चुके हैं। इसका मकसद ट्रैक एंड फील्ड एथलीट्स को उनका हक दिलाना है। ईबे पर ऑक्शन में उन्होंने शोल्डर के 9 इंच के हिस्से को बेच दिया। साइमंड्स ने वहां पर एक टेम्परेरी टैटू बनवाया है। इसके तहत एक इंच के लिए 2,444 डॉलर (करीब 1 लाख 62 हजार रुपए) मिलेंगे।
दो बार ओलिंपियन रह चुके हैं साइमंड्स…
– अमेरिका की ओर से साइमंड्स दो बार ओलिंपिक में हिस्सा ले चुके हैं। इस बार भी रियो ओलिंपिक के लिए अमेरिकी टीम का हिस्सा हैं।
– 2012 में वे ओलिंपिक टीम के ट्रैक एंड फील्ड ट्रायल्स में 800 मीटर की दौड़ में चैंपियन रहे थे।
– ईबे पर ऑक्शन के जरिए साइमंड्स ने शरीर के 9 इंच के हिस्से को ऐड के लिए बेच दिया।
– 2012 में वे ओलिंपिक टीम के ट्रैक एंड फील्ड ट्रायल्स में 800 मीटर की दौड़ में चैंपियन रहे थे।
– ईबे पर ऑक्शन के जरिए साइमंड्स ने शरीर के 9 इंच के हिस्से को ऐड के लिए बेच दिया।
– दरअसल, क्रिकेटर्स-टेनिस प्लेयर्स ऑन फील्ड अलग-अलग ब्रांड्स को एन्डोर्स कर सकते हैं, लेकिन इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी एथलीट्स को इसकी इजाजत नहीं देती।
दोनों शोल्डर पर रहेगा टैटू
– साइमंड्स के राइट (दाएं) शोल्डर के 9 इंच को ‘T-Mobile’ कंपनी के सीईओ जॉन लीगेयर ने 21,800 डॉलर में खरीदा।
– लीगेयर के पास साइमंड्स के इस हिस्से पर टैटू बनवाने का राइट होगा।
– वहीं साइमंड्स के लेफ्ट शोल्डर पर एनर्जी ड्रिंक बनाने वाली एक कंपनी ‘रन गम’ का ऐड होगा। 2014 में स्थापित ‘रन गम’ के को-फाउंडर साइमंड्स ही हैं।
– हालांकि साइमंड्स की इस लड़ाई का असर ओलिंपिक में उनके पार्टिसिपेशन पर भी पड़ सकता है।
– प्री-ओलिंपिक मुकाबले में शंघाई में 14 मई को 800 मीटर की रेस होनी है। यूएस में भी 1-10 जुलाई को ओलिंपिक ट्रायल्स होंगे।
– लीगेयर के पास साइमंड्स के इस हिस्से पर टैटू बनवाने का राइट होगा।
– वहीं साइमंड्स के लेफ्ट शोल्डर पर एनर्जी ड्रिंक बनाने वाली एक कंपनी ‘रन गम’ का ऐड होगा। 2014 में स्थापित ‘रन गम’ के को-फाउंडर साइमंड्स ही हैं।
– हालांकि साइमंड्स की इस लड़ाई का असर ओलिंपिक में उनके पार्टिसिपेशन पर भी पड़ सकता है।
– प्री-ओलिंपिक मुकाबले में शंघाई में 14 मई को 800 मीटर की रेस होनी है। यूएस में भी 1-10 जुलाई को ओलिंपिक ट्रायल्स होंगे।
क्या है साइमंड्स के ऐसा करने की वजह?
– साइमंड्स के शरीर के हिस्से को ऐड के लिए बेचने की वजह उनका स्पोर्ट्स गवर्निंग बॉडीज के साथ एथलीट के राइट्स को लेकर डिस्प्यूट है।
– साइमंड्स यूएसए ट्रैक एंड फील्ड (USATF) समेत कई स्पोर्ट्स अथॉरिटीज के साथ स्पॉन्सरशिप को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
– साइमंड्स का मानना है कि किसी भी एथलीट को अपनी बॉडी (क्योंकि ये उसकी पर्सनल है) पर ऐड करने का हक है।
– इसके लिए साइमंड्स #OwnYourSkin मूवमेंट भी चला रहे हैं।
– इस मूवमेंट के जरिए इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) से रिक्वेस्ट की जा रही है कि रनर्स को उनकी यूनिफॉर्म को ऐड के लिए बेचने की परमिशन दी जाए।
– साइमंड्स यूएसए ट्रैक एंड फील्ड (USATF) समेत कई स्पोर्ट्स अथॉरिटीज के साथ स्पॉन्सरशिप को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं।
– साइमंड्स का मानना है कि किसी भी एथलीट को अपनी बॉडी (क्योंकि ये उसकी पर्सनल है) पर ऐड करने का हक है।
– इसके लिए साइमंड्स #OwnYourSkin मूवमेंट भी चला रहे हैं।
– इस मूवमेंट के जरिए इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) से रिक्वेस्ट की जा रही है कि रनर्स को उनकी यूनिफॉर्म को ऐड के लिए बेचने की परमिशन दी जाए।
क्या हैं नियम?
– हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में साइमंड्स ने बताया, ‘ट्रैक एंड फील्ड के मौजूदा नियम रनर्स को किसी ब्रांड का एंडोर्स करने की परमिशन नहीं देते।’
– ‘IOC और यूएस ओलिंपिक कमेटी के नियम भी किसी एथलीट को कपड़ों पर कोई ऐड या लोगो लगाने की इजाजत नहीं देते।’
– ‘मैंने जो किया है, वो एक तरह की रिस्क है। मुझे नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है। लेकिन ये भी सच है कि ज्यादा रिस्क ही ज्यादा रिवॉर्ड भी लाती है।’
– साइमंड्स आगे कहते हैं, ‘मैंने कंपनीज के साथ जो करार किया है, उसके तहत मेरे शोल्डर पर टैटू बने रहेंगे।’
– ‘IOC और यूएस ओलिंपिक कमेटी के नियम भी किसी एथलीट को कपड़ों पर कोई ऐड या लोगो लगाने की इजाजत नहीं देते।’
– ‘मैंने जो किया है, वो एक तरह की रिस्क है। मुझे नहीं पता कि आगे क्या होने वाला है। लेकिन ये भी सच है कि ज्यादा रिस्क ही ज्यादा रिवॉर्ड भी लाती है।’
– साइमंड्स आगे कहते हैं, ‘मैंने कंपनीज के साथ जो करार किया है, उसके तहत मेरे शोल्डर पर टैटू बने रहेंगे।’
ओलिंपिक में टैटू का क्या होगा?
– ओलिंपिक रूल्स के मुताबिक, ओलिपिंक के दौरान साइमंड्स को अपना टैटू मिटाना या छिपाना होगा।
– 5 अगस्त से रियो डि जेनेरियो में ओलिंपिक शुरू हो रहे हैं।
– पिछले साल अगस्त वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले भी साइमंड्स ने USATF से खुली लड़ाई लड़ी थी।
– USATF को लिखे लेटर में उन्होंने मांग की थी कि एथलीट्स के कपड़ों पर ‘नाइकी टीम यूएसए’ लिखा रहने दिया जाए।
– साइमंड्स ने ये भी लिखा कि अगर उन्हें ऐड नहीं करने दिया गया तो इवेंट में हिस्सा नहीं लेंगे। नतीजन उन्हें गेम्स से बाहर बैठना पड़ा।
– USATF के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक, ‘निक ने खुद वर्ल्ड चैंपियनशिप से बाहर बैठने का फैसला किया। वजह ये थी कि वह टर्म्स एंड कंडीशंस पर साइन नहीं करना चाहता था।
– 5 अगस्त से रियो डि जेनेरियो में ओलिंपिक शुरू हो रहे हैं।
– पिछले साल अगस्त वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले भी साइमंड्स ने USATF से खुली लड़ाई लड़ी थी।
– USATF को लिखे लेटर में उन्होंने मांग की थी कि एथलीट्स के कपड़ों पर ‘नाइकी टीम यूएसए’ लिखा रहने दिया जाए।
– साइमंड्स ने ये भी लिखा कि अगर उन्हें ऐड नहीं करने दिया गया तो इवेंट में हिस्सा नहीं लेंगे। नतीजन उन्हें गेम्स से बाहर बैठना पड़ा।
– USATF के स्पोक्सपर्सन के मुताबिक, ‘निक ने खुद वर्ल्ड चैंपियनशिप से बाहर बैठने का फैसला किया। वजह ये थी कि वह टर्म्स एंड कंडीशंस पर साइन नहीं करना चाहता था।