अर्जुन मेघवाल को नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में कानून का भी काम दिए जाने की घोषणा को बीकानेर ने उनकी ताकत बढऩा माना। अर्जुन मेघवाल के लगातार बढ़ते कद से खफा रहने वाले बहुत सारे नेता अपने आप ही राजी दिखने लगे। जिन्होंने कभी आंखें दिखाई, वे उस समय को कोसने में लगे रहे और अब सोच रहे हैं कि किसी न किसी तरह से अर्जुन-कैंप से नजदीकी बनाई जाए। यहां तक कहा जाने लगा है कि है कि अगले विधानसभा चुनाव में ‘बीकानेर का कानून’ भी इस बार अर्जुन मेघवाल के हाथ ही रहेगा। अर्जुन-कैंप की महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने बतौर नगर की प्रथम नागरिक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का स्वागत किया। हवाई अड्डे पर भी गडकरी का स्वागत करने वालों में अधिकांश अर्जुन-कैंप से ही थे। सुभाष महरिया के भाजपा में आने के बाद अलर्ट हुए सांसद राहुल कस्वां भी इस दौरे में दिखाई दिए। गडकरी ने इस बार भी बड़ी-बड़ी बातें की। पिछले आम चुनावों से पहले भी बीकानेर के रवींद्र रंगमंच से गडकरी ने ऐसा ही कहा था, हाथ को हवाई-जहाज की तरह घुमाते हुए कहा था कि विकास ऐसे होगा, कुछ न हुआ और इस बार तो बाउंड्री-पार बात गई। बीकानेर की सड़कों को अमेरिका की सड़कों जैसा बनाने का आश्वासन दे गए। अलबत्ता, इतने बड़े मंत्री के बीकानेर आने पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को कलकत्ता में रहने का सवाल किसी ने नहीं उठाया। सिद्धिकुमारी से तो भला पूछता ही कौन कि पिछले दिनों इतनी सक्रिय रहीं, गडकरी के स्वागत में कहीं नहीं दिखाई दीं। बहरहाल, भाजपा एक तरफ जहां बिजली की दरों का विरोध कर रही है तो मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने की खुशी में कार्यक्रम मनाने को तैयार है। गोचर के लिए धरना देने की घोषणा कर चुके देवीसिंह भाटी ने फिलहाल कार्यक्रम वापस ले लिया है।

हनुमान बेनीवाल लूनकरणसर में हुकार भर गए हैं। अरविंद केजरीवाल से मिलने के बाद बेनीवाल का आत्मविश्वास बढ़ा है। जनवादी महिला समिति ने बीकानेर में प्रदर्शन करके दिल्ली में धरना दे रहीं पहलवानों के प्रति समर्थन जताया है।

काबीना मंत्री डॉ. बीडी कल्ला द्वारा बीकानेर में हज हाउस बनाने का आनन-फानन निर्णय चर्चा बनता, इससे पहले ही मकूसद अहमद और जिया उर रहमान आरिफ के बीच हुई तकरार ने विषयांतर कर दिया। मकसूद अहमद की छवि पहले ऐसी नहीं थी, लेकिन पिछले दो-तीन महीने से वे अनमयस्क लग रहे हैं।
बीकानेर पुलिस इन दिनों हेलमेट जांच का सघन अभियान चला रही है। हालांकि बगैर हेलमेट पकड़े जाने वालों की संख्या सौ-सवा सौ ही सामने आ रही है। संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन नाबाद खेल रहे हैं। इस बार वे हुक्का-बार पहुंच गए। उनकी कार्रवाई को देखकर लगता है कि वास्तव में इच्छाशक्ति ही सब कुछ होती है। वरना चुनाव का समय निकट आने पर तो सभी काम करते हुए दिखाई देते हैं। पीबीएम अस्पताल के तहत संचालित और जन सहभागिता योजना के तहत बना हल्दीराम कार्डियो सेंटर अब स्वायत्त होने की तैयारी में है, मतलब इसे अब सोसायटी चलाएगी। आठवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी आ चुका है। बीकानेर पिछली बार से चार पायदान नीचे लुढ़ककर प्रदेश में बीसवीं रैंकिंग पर है। शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए हुए आदेश को वापस लिए जाने की चर्चा भी खूब हो रही है। सैटअप परिवर्तन की नीति को स्थगित कर दिया गया है। अर्से बाद ऐसा लगा है कि शिक्षक संघ सक्रिय हो गए हैं।

किस्तें नहीं भरने पर फाइनेंस कंपनी के लोगों ने एक युवक के घर में घुसकर ज्वैलरी व कैश छीन लिया। इस तरह की वारदातें बढ़ती जा रही हैं। इएमआइ न चुकाने के ये परिणाम अलग-अलग तरीके से देखने को मिल रहे हैं। एक वृद्धा की खुदकुशी का मसला बेटी की शिकायत के बाद धारा 302 के तहत दर्ज होना भी सनसनीखेज मसला है। जांच में सामने आएगा कि आखिर माजरा क्या है। श्रीडूंगरगढ़ में एक जंवाई ने अपने ससुर की जान ले ली है। जयमलसर में एक मजदूर का शव मिला है, जिसे दोस्तों के साथ शराब पार्टी और मारपीट का परिणाम माना जा रहा है।

बीकानेर का श्यामसुंदर स्वामी चेक रिपब्लिक में तीर मारा है। पैरा वल्र्ड रैंकिंग में तीरंदाज श्याम ने स्वर्ण-पदक हासिल किया है। डूंगर कॉलेज के पर्यावरण प्रेमी लेक्चरर डॉ. श्याम ज्याणी ने 23 मई को राबड़ी दिवस मनाने का नवाचार किया है, लेकिन इस दिन के चयन की वैज्ञानिकता साबित करने में वे नाकामयाब रहे हैं। नौतपा शुरू है, पानी की किल्लत भी शुरू हो गई है। इस बार महावीर रांका ने पेयजल की किल्लत वाले क्षेत्रों में टेंकर भेजने का बीड़ा उठाया है। खाजूवाला में एक संदिग्ध पाकिस्तानी युवक पकड़ा गया है। हालांकि, इसके प्रारंभिक लक्षण मूक-बधिर जैसे लग रहे हैं, लेकिन इसके बाद काफी सामान भी मिला है, जो इसके पास कैसे आया और यह भटकते हुए यहां तक कैसे पहुंच गया। इंसान है, पाकिस्तानी है, इसलिए सवाल है। जावेद अख्तर ने फिल्म ‘रिफ्यूजी’ के लिए लिए एक शानदार गीत लिखा।
पंछी, नदिया, पवन के झौंके, कोई सरहद ना इन्हें रोके
सरहद इंसानों के लिए, सोचो तुमने और मैंने, क्या पाया इंसां हो के