नई दिल्ली। मोदी सरकार रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ के पांच करोड़ से ज्यादा सदस्यों को बड़ा तोहफा देने पर विचार कर रही है। सरकार कम आय वाले संगठित क्षेत्र के कामगारों को सस्ते मकान देने की योजना को अमली जामा पहनाना चाहती है।योजना के तहत खाताधारक, बैंक-आवास एजेंसी और भविष्य निधि संगठन के बीच त्रिपक्षीय समझौता होगा। इस बाबत श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा को लिखित जवाब के जरिए जानकारी दी है कि सरकार ईपीएफ के सदस्यों को उचित कीमत वाली स्कीम की संभावनाओं को तलाश रही है। केन्द्रीय मंत्री के अनुसार, पिछले साल भी भविष्य निधि न्यायी के साथ बैठक में यह एजेंडा रखा गया था। प्रस्ताव था कि खाताधारक घर खरीदने के लिए अपनी भविष्य की पीएफ हिस्सेदारी को गिरवी रख सकते हैं। योजना की सिफारिश हाउसिंग से जुड़ी विशेषज्ञ कमेटी ने की थी। हालांकि इस बारे में अंतिम रिपोर्ट आनी है।

ये होंगे फायदे:

* योजना को लागू होने के बाद लाभार्थियों को आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की योजनाओं का लाभ मिलेगा।

* पीएफ खाता धारकों को आसान किश्तों में आसानी से घर मिल सकेंगे।

* पीएफ खाता धारकों को होम लोने के लिए बैंको के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

* घर खरीदने के लिए पीएफ की जमा हिस्सेदारी को गिरवी रख सकेंगे।

* बैंक खाते से नहीं बल्कि ईपीएफओ खाते से सीधे किस्तें कटेंगी।

* पूरी किश्ते नहीं चुका पाने तक बैंक की जगह ईपीएफओ के पास घर गिरवी रहेगी। मकान की किश्ते पूरी होने के बाद घर पर खाताधारक का कब्जा हो जाएगा।

* कम आय वर्ग के कामगारों को ध्यान में रखकर योजना पर हो रहा अमल

* खाताधारक को बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से आसानी से लोन मिल सकेगा।

प्रस्तावित योजना से क्या है हानि?:

* पांच साल तक के ईपीएफओ खाता धारकों को मिलेगी सुविधा

* जॉइंट प्रॉपर्टी में से शेयर खरीदना चाहते हैं या फिर किसी ऐसी साइट पर मकान खड़ा करना चाहते हैं जो कि संयुक्त रूप से मालिकाना हक वाली हो तो आप योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।

* असगंठित क्षेत्र के कामगारों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ