भरतपुर.।   खान में काम करने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य तथा सुरक्षा की निगरानी अब फिल्ड स्तर के अधिकारी व कर्मचारी करेंगे। श्रमिकों के सम्बंध में दिए जाने वाले निर्देशों की निचले स्तर पर पालना करने में लापरवाही बरतने के बाद मुख्य सचिव सीएस राजन ने सरकारी स्तर पर चर्चा के बाद यह बड़ा निर्णय किया है।  राज्य के वे जिले जहां सैण्ड स्टोन का खनन कार्य विशेष रूप से होता है, वहां श्रमिकों में सिलिकोसिस बीमारी की समस्या मुख्य रूप से बनी रहती है।इसे देखते हुए सरकार की ओर से इन स्थानों पर खनन कार्य वेट ड्रिलिंग पद्धति से करने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए सभी खननकर्ताओं को पाबंद भी किया गया था, लेकिन निचले स्तर पर इसकी पालना प्रभावी रूप से नहीं होने की शिकायतें लगातार सरकार तथा खान विभाग को मिल रही थी। इस पर सरकार ने खान में काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य की निगरानी को प्रभावी बनाने के लिए निर्णय किया कि अब ग्राम सेवक तथा पटवारी स्तर के अधिकारी खानों का निरीक्षण करेंगे। वे इस निरीक्षण के दौरान श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं को नोटिस करते हुए इसकी रिपोर्ट आगे भेजेंगे। भरतपुर जिले में बयाना-रूपवास क्षेत्र में 230 तथा पहाड़ी-नगर क्षेत्र में 481 खान हैं।

ग्राम पंचायतवार सौंपी जिम्मेदारी

जारी किए निर्देश में जिन स्थानों पर खान हैं वहां के ग्राम पंचायतवार स्तर के अधिकारियों को निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है। इस कार्य के लिए जिला स्तर पर मॉनिटरिंग एडीएम प्रशासन करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि ग्राम पंचायत में आने वाली खानों का निरीक्षण करने के लिए सम्बंधित ग्राम सेवक, पटवारी की ड्यूटी लगाई गई है। ये सभी अधिकारी नियमित रूप से खान का निरीक्षण करेंगे।

इन बिन्दुओं पर करेंगे निरीक्षण

जिन फिल्ड स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी खानों के निरीक्षण के लिए लगाई गई है वे निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से पांच बिन्दुओं पर गौर करेंगे। इस सम्बंध में जो भी स्थिति मौके पर मिलेगी, उसकी रिपोर्ट खान विभाग को भेजेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसलिए उठाया कदम

खान विभाग में मैन पावर की कमी के चलते नियमित तौर पर खानों का निरीक्षण नहीं हो पाता था। इसके चलते श्रमिकों को लेकर दिए जाने वाले निर्देशों की पालना भी सही ढंग से नहीं हो पाती थी।

ऐसे करेंगे निरीक्षण

  • निदेशक खान विभाग एक माह में कम से कम 10 निरीक्षण करेंगे। इसी प्रकार अतिरिक्त निदेशकों द्वारा 15, अधीक्षण खनिज अभियंताओं द्वारा 30 एवं खनिज अभियंता, सहायक खनिज अभियंताओं द्वारा 45 खानों का निरीक्षण करेंगे।
  • खनन कार्य वेट ड्रिलिंग पद्धति से किया जा रहा है या नहीं
  • खनन श्रमिकों द्वारा डस्ट मास्क का प्रयोग किया जा रहा है या नहीं
  • खान श्रमिकों का समूह बीमा हुआ है या नहीं
  • निरीक्षण के दौरान श्रमिकों को सिलिकोसिस बीमारी के बारे में जानकारी दी जाए।
  •  यदि कोई श्रमिक सिलिकोसिस से पीडि़त है तो उसका इलाज कराया जा रहा है या नहीं।