आखिरकार किसके भरोसे छोड़े हुए हैं करोड़ों के करंट घर



भरतपुर.। शहर के विद्युत सब स्टेशनों की सुरक्षा रामभरोसे चल रही है। निगम की ओर से यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। ऐसे हालातों में कोई भी आसानी से करोड़ों के बिजली तंत्र को फेल कर बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है या फिर विद्युत केबल या उपकरण चोरी कर सकता है।शुक्रवार को पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर जिले के कई 33/11 केवी विद्युत सब स्टेशनों के सुरक्षा इंतजाम जांचें तो हालात चौंकाने वाले सामने आए। एक भी जगह सुरक्षा प्रहरी नहीं मिला। कहीं जीएसएस की चारदीवारी काफी छोटी तो कहीं टूटी मिली।
केबल चोरी कर ले गए

चौबुर्जा स्थित जीएसएस से शहर के एक दर्जन से ज्यादा इलाकों को विद्युत सप्लाई दी जा रही है। यहां जेईएन समेत कुल 16 कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन जीएसएस की सुरक्षा के लिए एक भी गार्ड नहीं है। जीएसएस की चारों तरफ से दीवार ऊंचाई काफी कम है, जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से कूदकर अंदर आ सकता है।
वहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व जीएसएस से केबल चोरी की घटना भी हो चुकी है, जिसकी प्राथमिकी पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी। जेईएन अंकिता सिंह कहना है कि जीएसएस की चारदीवारी को ऊंचा कराने के लिए उच्चाधिकारियों को मौखिक तौर पर कहा भी गया है।
चारदीवारी नीची, गार्ड नहीं
स्वर्ण जयन्ती जीएसएस पर सुरक्षा नहीं है। चारदीवारी नीची है और गार्ड भी तैनात नहीं है। बारिश के दिनों में जीएसएस में पानी भर जाता है, जिससे हादसे का डर रहता है। आरबीएम अस्पताल के पीछे स्थित विद्युत सब स्टेशन की भी बांउड्री काफी नीची है। कटीले तारों की सुरक्षा भी कई जगह से टूटी पड़ी है।
सुरक्षा के उलटे मापदण्ड
भरतपुर बिजली निगम के सुरक्षा के उलटे मापदण्ड नजर आ रहे हैं। करोड़ों की लागत से तैयार जीएसएस जहां करोड़ों के विद्युत उपकरण खुले में पड़े हैं। वहां एक भी सुरक्षा गार्ड नहीं है और एईएन कार्यालयों पर सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, जबकि वहां से ज्यादा सुरक्षा की जरुरत सब स्टेशनों पर है। शहर के बिजलीघर चौराहा स्थित एईएन कार्यालय प्रथम पर सुरक्षा के लिए दोपहर 3 से रात 11 बजे तक तथा 11 बजे से सुबह 7 बजे तक सुरक्षा गार्ड तैनात किया हुआ है। इसी प्रकार एईएन कार्यालय द्वितीय कार्यालय पर शाम 4 से 12 बजे तक और रात 12 से सुबह 8 बजे सुरक्षा गार्ड तैनात रहता है।यह जीएसएस बना मयखानारेडक्रॉस चौराहे के समीप स्थित 33/11 केवी जीएसएस की सुरक्षा के लिए कोई गार्ड तैनात नहीं है। जीएसएस की एक तरफ की दीवार पूरी तरह से टूटी पड़ी है। यहां सुरक्षा की खानापूर्ति के लिए झाड़ी व तार बांधकर जुगाड़ किया हुआ हैं, लेकिन इसमें से कोई भी व्यक्ति या जानवर आसानी से अंदर घुस सकता है।जीएसएस के अंदर काफी शराब व बीयर की बोतलें पड़ी हुई थी, जिसे देखकर लगता है कि लोग यहां बैठकर शराब पीते हैं। शराब के नशे में कोई व्यक्ति बिजली तंत्र से छेड़छाड़ कर सकता है या फिर नंगे तारों के बीच हादसे को शिकार हो सकता है। विद्युत उपकरण आदि खुले में रखे हुए हैं, जो सुरक्षा के अभाव में चोरी हो सकते हैं।क्षेमराज सिंह मीणा अधीक्षण अभियंता विद्युत निगम भरतपुर ने बताया कि सभी जीएसएस के बारे में सूचनाएं एकत्रित करा लेते हैं। जहां बाउंड्री टूटी व नीची मिली तो उसे मरम्मत और ऊंचा करा दिया जाएगा। जिन जीएसएस पर सुरक्षा गार्ड की जरुरत है वहां गार्ड भी लगा दिए जाएंगे। इसके अलावा आकस्मिक जांच कर जीएसएस पर बैठकर शराब पीने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।