पोकरण। सरहद पर भीषण गर्मी में ड्यूटी कर रहे सुरक्षा प्रहरियों के लिए पोकरण के छायण गांव के एक छठी पास मिस्त्री ने कूलिंग जैकेट ईजाद किया है। वह गांव में वेल्डिंग की दुकान चलाता है। मिस्त्री भोमराज गहलोत ने  सीमा पर सुरक्षा में लगे जवानों के लिए शर्ट में ऐसा कूलिंग सिस्टम विकसित करने का दावा किया है, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। गहलोत ने बताया कि गर्मी के मौसम में सीमावर्ती क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ती है तथा तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाता है। ऐसे में दिन में 12 से शाम 5 बजे तक रेतीले धोरों में सैनिकों व सुरक्षा बल के जवानों के लिए सीमा चौकियों पर पहरा देना मुश्किल हो जाता है। इसी को लेकर गत दिनों बल के आला अधिकारियों की ओर से गर्मी से मुकाबला करने व भीषण गर्मी से जवानों को बचाने व उन्हें महफूज रखने के लिए एक बैठक रखी गई। तभी उसने जवानों के लिए एक कूलिंग सिस्टम तैयार करने का मानस बनाया।

यूं बनाया जैकेट में कूलिंग सिस्टम

इसमें एक कमीज में तीन केनवास की थैलियां लगाई गई हैं, जिसमें दो थैलियां आगे तथा एक थैली पीछे लगाई गई है। इन थैलियों में एक-एक लीटर पानी भरा जा सकता है। सीमा चौकी पर लगाने के लिए रेफ्रिजरेटर की तर्ज पर एक छोटा इलेक्ट्रिक कूलिंग सिस्टम तैयार किया गया है, जिसमें एक मिनी कम्प्रेशर पम्प, पम्प व दो लीटर की एक छोटी टंकी लगाई गई है। यह कूलिंग सिस्टम सौर ऊर्जा प्लेट व 12 वोल्टेज की बैटरी से संचालित होता है, जिससे पानी ठण्डा होकर एक पाइप के जरिए शर्ट में लगी उन थैलियों में चला जाता है तथा शर्ट में आगे व पीछे लगी तीनों थैलियों में पानी ठण्डा रहता है। इस तरह सैनिक को गर्मी से राहत मिल सकती है। कम्प्रेशर से इस पानी को भीषण गर्मी में ठण्डा व कड़ाके की ठण्ड में गर्म भी किया जा सकता है।

पहले भी दिखा चुका है कमाल

इस युवक ने पूर्व में भी बिना ड्राइवर के अपने मोबाइल से कार चलाने का सिस्टम ईजाद किया गया था। इसके अलावा मोबाइल से ही कहीं अन्यत्र बैठे अपने नलकूप को चालू व बंद करने का सिस्टम भी तैयार कर चुका है।

एक सिस्टम, तीन काम

गहलोत का कहना है कि इस सिस्टम से गर्मी व सर्दी के मौसम में पानी को ठण्डा व गर्म कर सैनिक को गर्मी व सर्दी से राहत दी जा सकती है। थैलियों में भरा यही पानी किसी विकट परिस्थिति में सैनिक की प्यास बुझाने के काम भी आ सकता है। इसके अलावा केनवास की ये तीनों थैलियां वाटर व एयरप्रूफ होने के कारण इनमें हवा भरकर बारिश व बाढ़ के दौरान किसी नदी, तालाब व जलभराव क्षेत्र को तैरकर भी पार किया जा सकता है।सैनिक के लिए बनाए गए इस शर्ट व उसमें लगी केनवास की थैलियों में मात्र 500 रुपए का खर्च आता है तथा चार से पांच हजार रुपए तक कम्प्रेशर लगे कूलिंग सिस्टम पर खर्च आता है, जो बिजली व सौर ऊर्जा की बैटरी से चल सकती है।