बीकानेर। बीकानेर कोलायत पंचायत समिति के बीईईओ भोपालसिंह को लापता हुए करीब छह महीने हो गए लेकिन  पुलिस को अभी तक सुराग नहीं मिला। इसी कड़ी में अब एक और सरकारी कर्मचारी का नाम जुड़ गया है। नापासर से अपने भाई व साथी के साथ बीकानेर के लिए रवाना हुआ चिकित्सा विभाग का कर्मचारी  लापता हो गया है। 33 दिन से वह न घर पहुंचा है न ही उसकी कोई खैर खबर आई है। परिजनों ने नापासर  गुमशुदगी दर्ज कराई है लेकिन पुलिस ने भी कार्रवाई के नाम पर टीम गठित कर इतिश्री कर ली  है। नापासर  का बाबूलाल घारु (35) राजकीय अस्पताल में वार्ड बॉय के पद पर कार्यरत है। सात अप्रेल-2016 को वह नाइट ड्यूटी करके सुबह सात बजे घर पहुंचा। पौने आठ बजे बाबूलाल का छोटा भाई महेन्द्र घारु बीकानेर जाने के लिए स्टेशन गया। तभी आठ बजे बाबूलाल का साथी व अस्पताल की एम्बुलेंस का चालक प्यारेलाल सुथार घर आया। वह उसके साथ बीकानेर के लिए रवाना हुआ।  उन्होंने महेन्द्र को भी साथ ले लिया। महेन्द्र शिवबाड़ी चौराहे पर उतर कर अपने काम से चला गया। उसके बाद बाबूलाल न घर पहुंचा न ऑफिस। दो दिन तलाश करने के बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।

कोई सुनता ही नहीं

बाबूलाल का छोटा भाई अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ मिलकर पिछले 33 दिनों से अपने भाई की तलाश कर रहा है। वह नापासर थानाधिकारी से लेकर एसपी, आईजी व जिला कलक्टर तक गुहार लगा चुका है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।   महेन्द्र रुंधे गले से बताता है कि दिनभर भाई की तलाश में मारा-मारा फिरता हूं। शाम को घर लौटता हूं तो वृद्ध मां बाबूलाल के बारे में पूछती है तब मैं निरुतर हो जाता हूं। बाबूलाल की 10 वर्षीय बेटी अंजली व आठ वर्षीय मोहित हर दिन पूछते हैं चाचू पापा कब आएंगे। महेन्द्र ने बताया कि एम्बुलेंस चालक प्यारेलाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि बाबूलाल को पटेल नगर छोड़ दिया था। इसके बाद से वह गायब है।

पूछताछ कर रहे हैं

नापासर एसएचओ के नेतृत्व में तीन सदस्य विशेष टीम गठित की गई है। आखिरी बार उसे जिन लोगों के साथ देखा गया है, उनसे पूछताछ कर रहे हैं हालांकि अभी तक गुमशुदा का कोई पता नहीं चला है।