कोटा .।  राज्य सरकार के आदेश पर भामाशाह मंडी में 11 अप्रेल से लहसुन का कारोबार शुरू हुआ और मात्र 15 ही दिन में साढ़े 15 करोड़ का कारोबार हो गया। इस कारोबार से मंडी प्रशासन को लाखों रुपए का राजस्व  (यूजर चार्ज) तो अर्जित हुआ ही साथ ही किसानों को भी फायदा हुआ है। मंडी में 11 से 30 अप्रेल तक अधिकतम 15 दिन कारोबार हुआ और 5 दिन मंडी बंद रही। एेसे में 15 कारोबारी दिवस में यहां साढ़े 15 करोड़ का लहसुन बिक गया। इससे मंडी प्रशासन को 23 लाख 7 हजार 600 रुपए का राजस्व  अर्जित हुआ है। वहीं किसान छोटूलाल मीणा, चन्द्र प्रकाश वैष्णव, महिला किसान देवेंद्र मीणा आदि का कहना है कि भामाशाह मंडी में लहसुन का कारोबार शुरू होने से दोनों मंडियों के व्यापारियों में प्रतिस्पद्र्धा बढ़ी है। इसके चलते किसानों को लहसुन के भावों में 3500 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है। यहां लहसुन के कारोबार से हम संतुष्ठ है। सरकार द्वारा भामाशाह मंडी में स्थायी रूप से लहसुन का कारोबार करने की स्वीकृति जारी करे।  किसानों ने कृषि मंत्री के नाम पत्र लिखकर भामाशाह मंडी में स्थायी रूप से लहसुन की नीलामी की व्यवस्था कराने के आदेश जारी कराने की मांग की है।

अभी लहसुन की यह कीमत 

भामाशाह मंडी में लहसुन बिकने से पूर्व थोक फल सब्जीमंडी में लहसुन 1800-5000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था। दोनों मंडियों के व्यापारियों में प्रतिस्पद्र्धा बढ़ी तो लहसुन के भावों में तेजी आई। वर्तमान में भामाशाह मंडी में 3500-7500 रुपए प्रति क्विंटल तक लहसुन बिक रहा है। बेस्ट क्वालिटी का करीब 35 फीसदी लहसुन 7500-8650 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।

बाहर के दो दर्जन खरीदार कर रहे कारोबार

कोटा ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने बताया कि भामाशाह मंडी में एमपी, यूपी, महाराष्ट्र, कनार्टक, आंध्रप्रदेश, चैन्नई, आसाम, तमिलनाडु के दो दर्जन से अधिक खरीदार कारोबार कर रहे हैं। बाहर के खरीदार होने के कारण भावों में तेजी है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है।मंडी में अप्रेल में साढ़े 15 करोड़ रुपए का लहसुन बिका है। इससे मंडी को 23.07 लाख का राजस्व मिला है। मई माह में भी रोजाना 8-10 हजार कट्टे लहसुन की आवक है।