क्या आप अपनी जींस के बारे में ये बाते जानते हैं?
हते हैं 1864 के आसपास पहली बार किसी ने पहनी होगी जींस। अमेरिका में या इटली में, इस पर आज भी बहस की गुंजाइश है, लेकिन इतना तय है कि इसे कामगार मजदूरों, नाविकों या फिर लकड़हारों के लिए बनाया गया था।
ऐसे कपड़े के बारे में कल्पना करना भी मुश्किल है, जिसे जींस जितना पहना या पसंद किया जाता हो। यूरोपीय और अमेरिकी लोगों की क्लासिक पोशाक आज पूरी दुनिया में पहनी जाती है। लेकिन क्यों? काउब्वॉयज ही नहीं, सुपरमॉडल, किसान, राष्ट्रपति और घरेलू महिलाएं भी जींस शौक से पहनते हैं।
अगर लोगों से पूछा जाए कि वे जींस क्यों पहनते हैं, तो उनसे भांति-भांति के जवाब मिलेंगे। कुछ लोगों को जींस पहनने में आसान, आरामदायक और ज्यादा चलने वाली पोशाक लगती है, वहीं कुछ को इसका लुक भाता है। अलग-अलग लोगों के लिए जींस के मायने अलग हैं। हुक्म देने वालों से लेकर हाथ फैलाने वालों तक जींस की एक अद्भुत दुनिया सजी हुई है।
अलग-अलग लोगों के लिए इसके मायने भी अलग हैं। ′ब्लू जींस′ नाम की किताब लिखने वाले मानव विज्ञानी डेनी मिलर कहते हैं- “जींस की व्यापक पसंद के कारणों पर अभी तक बहुत ज्यादा अध्ययन नहीं हुआ है।”
मिलर ने फिलीपीन्स, तुर्की, भारत और ब्राजील जैसे देशों की यात्रा की और पाया कि इन देशों की लगभग आधी आबादी जींस पहनती है। उनके अनुसार, दक्षिण एशिया और चीन के कुछ ग्रामीण अंचलों को छोड़कर सभी जगह जींस का चलन है।
मिलर अपनी किताब में बताते हैं कि जींस को फिटिंग और कम्फर्ट का दूसरा नाम माना जाता है और इसका चलन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि अब यह आम आदमी का प्रतीक बन गया है।