जोधपुर में अपने ही महकमे से असंतुष्ट हैं कर्मचारी, जानिए क्यूं
जोधपुर। शिक्षा विभाग पिछले छह सालों से अपने असंतुष्ट कार्मिकों की बगावत झेल रहा है। छह सालों में 1 हजार से अधिक मामले न्यायालय में सुलझाने के लिए पहुंचे हैं। वर्तमान में भी जोधपुर मंडल स्तर पर सैकड़ों मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
ज्यादातर नई नियुक्ति व डीपीसी पदस्थापन की प्रक्रिया में अधिकांश मामले कोर्ट चले जाते हैं। कई बार अधिकारियों के अनुशासनात्मक निलंबन कार्रवाई के दौरान भी कार्मिक चुनौती देकर कोर्ट जा रहे हैं।
जोधपुर के प्रकरण ज्यादा
जोधपुर शिक्षा विभाग के प्रारंभिक एवं माध्यमिक के सर्वाधिक प्रकरण न्यायालय में चल रहे है। इसमें अकेले प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय पर 70 मामले और माध्यमिक शिक्षा कार्यालय 77 के केस चल रहे हैं।
जबकि सूत्रों की जानकारी अनुसार डीडी सैकंडरी पर 102 मामले चल रहे हैं। डीईओ प्रारंभिक शिक्षा में 2009 में 68, 2010 में 72, 2011 में 76, 2012 में 73, 2013 में 71, 2014 में 69, 2015 में 78 और इस वर्ष अप्रेल तक 70 मामले न्यायालय में पहुंच चुके हैं।
यह मामले ज्यादा
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग में नियुक्ति को लेकर अक्सर केस लगता रहा है। कुछ समय से डीपीसी पदस्थापन प्रक्रिया में स्थानांतरण को लेकर शिक्षक ज्यादातर कोर्ट की शरण पहुंचे हैं। ज्यादातर मामलों में शिक्षा विभाग पर गलत प्रक्रिया व पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगता आया है।
कुछ मामले हाल में निलंबन प्रक्रिया के आए हैं, जिसमें संबंधित कार्मिक का आरोप यह रहा कि गलत तरीके और अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर निलंबन किया गया है।
संभाग में 6 सालों में हुए कोर्टकेस
प्रा. शि कार्यालय का नाम मामले
डीडी प्रारंभिक 442
जोधपुर डीईओ 577
पाली 45
सिरोही 43
जालोर 50
बाड़मेर 135
जैसलमेर 39
वर्तमान में संभाग में प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा इतने मामले कोर्ट में
कार्यालय का नाम कितने मामले
डीडी प्रा. व मा. जोधपुर 102
डीईओ प्रा. व मा. जोधपुर 147
डीईओ प्रा. व मा. जैसलमेर 9
डीईओ प्रा. व मा. बाड़मेर 12
डीईओ प्रा. जालोर 18
डीईओ प्रा. पाली व सिरोही 0